Examine This Report on पारद शिवलिंग
जोधपुर में जलभराव और बारिश को लेकर कंट्रोल रूम बनायाकालरात्रि – क्लीं ऐं श्री कालिकायै नमः।।
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शिवलिंग पर संध्या के समय जल चढ़ाया जा सकता है। शाम के समय जल चढ़ाने के लिए किसी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं है व्यक्ति अपनी श्रद्धा से शिवलिंग पर सुबह और शाम दोनों ही स
आध्यात्मिक विकास: स्फटिक शिवलिंग की उपस्थिति से आध्यात्मिक ज्ञान और विकास को बढ़ावा मिलता है।
अच्छे अवसर हाथ से क्यों निकल जाते हैं?: एक आलसी शिष्य को उसके गुरु ने पारस पत्थर दिया और कहा कि दो दिन में जितना चाहे, उतना सोना बना लो, तुम्हारा जीवन सुधर जाएगा
ह्या जन्मी पारद शिवलिंगाची पूजा केल्याने मागील जन्मो जन्मी ची सर्व पापे दूर होऊन ह्या जन्मी ची सुद्धा कष्ट मिटविण्याची शक्ती पारद शिवलिंगामंध्ये आहे.
इस शिवलिंग की स्थापना आप सोमवार या चंद्र के किसी भी नक्षत्र यानि रोहिणी, हस्त या श्रवण नक्षत्र में कर सकते हैं।
पारद शिवलिंग से अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है।
बारिश में युवती को गिराया, बैड टच...योगी का बड़ा एक्शन
ग्रामीण तंत्र शिव स्तुति : भगवान शिव की स्तुति कैसे की जाती हे?
स्फटिक शिवलिंग की उपस्थिति से घर में शांति और समृद्धि का वास होता है।
रुद्र संहिता , पारद संहिता , ब्रम्हपुराण , शिव पुराण , उपनिषद , अशा अनेक ग्रंथात पारद शिवलिंगाचे वर्णन दिले गेले आहे.
शिवलिंग की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। बर्तन में शुद्ध जल भरकर उसमे शिवलिंग को रखे और उसका get more info नियमित रूप से अभिषेक करना चाहिए।